कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो देश के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। यह सदस्यों की संख्या और आर्थिक लेन-देन की मात्रा, दोनों ही मामलों में दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है। भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करते हुए, EPFO लाखों कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस संगठन का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य अंशदायी भविष्य निधि, एक पेंशन योजना और एक बीमा योजना का प्रबंधन करना है।
इतिहास और कानूनी ढांचा
EPFO की उत्पत्ति भारत की स्वतंत्रता के बाद के दौर में हुई, जो नागरिकों के लिए सामाजिक न्याय और सुरक्षा की संवैधानिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसकी यात्रा 15 नवंबर, 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के लागू होने के साथ शुरू हुई। इसके तुरंत बाद, 4 मार्च, 1952 को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 लागू किया गया, जिसने इस अध्यादेश की जगह ले ली।
यह ऐतिहासिक कानून, जिसे अब कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के रूप में जाना जाता है, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि की स्थापना के लिए बनाया गया था। यह अधिनियम पूरे भारत में लागू होता है और EPFO के सभी कार्यों के लिए कानूनी आधार प्रदान करता है।
EPFO द्वारा प्रबंधित मुख्य योजनाएं
EPFO तीन प्रमुख योजनाओं का प्रबंधन करता है जो मिलकर अपने सदस्यों के लिए एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं।
प्रमुख योजनाएँ
कर्मचारी भविष्य निधि
(EPF)
यह सेवानिवृत्ति के लिए एक अनिवार्य बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं।
कर्मचारी पेंशन योजना
(EPS)
यह सदस्यों को सेवानिवृत्ति या अक्षमता के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है।
कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा
(EDLI)
यह सेवाकाल के दौरान सदस्य की मृत्यु होने पर उनके नामांकित व्यक्ति को बीमा कवर देती है।
1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना, 1952
यह EPFO की प्रमुख योजना है, जो वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत योजना के रूप में कार्य करती है।
- योगदान: कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हर महीने EPF खाते में योगदान करते हैं। कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% योगदान देता है। नियोक्ता भी समान राशि का योगदान करता है, जिसे तीन अलग-अलग योजनाओं में आवंटित किया जाता है। नियोक्ता का योगदान आवंटनमूल वेतन + महंगाई भत्ते का प्रतिशतकर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में3.67%कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में8.33% (एक निश्चित वेतन सीमा तक)कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (EDLI) में0.5%EPF प्रशासनिक शुल्क0.5%
- ब्याज: EPF खाते में जमा राशि पर समय के साथ ब्याज जुड़ता है। EPFO का केंद्रीय न्यासी बोर्ड वार्षिक ब्याज दर की सिफारिश करता है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, घोषित ब्याज दर 8.25% प्रति वर्ष है।
- निकासी: योगदान और ब्याज सहित कुल जमा राशि कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय उपलब्ध हो जाती है। यह योजना कुछ विशेष जीवन की घटनाओं, जैसे घर बनाना, शिक्षा के लिए धन, स्वयं या बच्चों के विवाह खर्चों को कवर करना और चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए आंशिक निकासी की भी अनुमति देती है।
2. कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), 1995
EPS को सदस्यों को सेवानिवृत्ति के बाद आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- उद्देश्य: इसका प्राथमिक लक्ष्य सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने पर, विकलांगता की स्थिति में, या सदस्य की मृत्यु होने पर उनके जीवित परिवार के सदस्यों को मासिक पेंशन प्रदान करना है।
- वित्तपोषण: यह योजना नियोक्ता के मासिक योगदान का 8.33% EPS खाते में भेजकर वित्तपोषित की जाती है। सरकार भी समग्र पेंशन फंड में एक छोटा सा योगदान करती है।
3. कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना, 1976
EDLI योजना सभी EPF सदस्यों के लिए एक जीवन बीमा कवर के रूप में कार्य करती है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य सदस्य की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर उसके नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को एकमुश्त भुगतान प्रदान करना है।
- वित्तपोषण: यह योजना केवल नियोक्ता के हिस्से से 0.5% के योगदान द्वारा वित्तपोषित है। कर्मचारी EDLI योजना में कोई योगदान नहीं करते हैं।
- लाभ: बीमा भुगतान कर्मचारी के अंतिम आहरित वेतन के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जिसमें अधिकतम आश्वासन लाभ ₹7 लाख तक होता है।
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN)
EPFO के आधुनिकीकरण में एक परिवर्तनकारी विकास यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की शुरुआत थी। UAN एक अद्वितीय 12-अंकीय संख्या है जो EPF में योगदान करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को सौंपी जाती है।
- पोर्टेबिलिटी: UAN का मुख्य लाभ यह है कि यह कर्मचारियों के लिए एक पोर्टेबल पहचान प्रदान करता है। यह एक एकल, व्यापक खाते के रूप में कार्य करता है जो एक व्यक्ति द्वारा अपने करियर के दौरान विभिन्न नियोक्ताओं से प्राप्त कई सदस्य आईडी को जोड़ता है। इसने नौकरी बदलने पर EPF शेष राशि को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को बहुत सरल बना दिया है।
- ऑनलाइन पहुंच: UAN को सक्रिय करना आवश्यक है क्योंकि यह ऑनलाइन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करता है। सदस्य अपना बैलेंस चेक कर सकते हैं, अपनी पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं, अपने व्यक्तिगत और KYC विवरण अपडेट कर सकते हैं, और UAN सदस्य पोर्टल के माध्यम से निकासी और हस्तांतरण के लिए ऑनलाइन दावे जमा कर सकते हैं।
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